विद्यालय की व्यवस्थाये


मध्यान्ह भोजन व्यवस्था
विद्यालय में छात्रों के मध्यान्ह भोजन निर्माण हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाएं के गयीं हैं।  इस हेतु विद्यालय में एक सुसज्जित रसोई घर है। इसका निर्माण प्राथमिक विद्यालय रूपपुर मंगलीपुर, शमसाबाद के सहायक अध्यापक श्री मनीष कुमार द्वारा सत्र २००९-२०१० में कराया गया था।
इसकी पूर्व दिशा की   की बाहरी दीवार पर रसोइये के कर्तव्यों का अंकन किया गया है।  जबकि मध्यान्ह भोजन के साप्ताहिक मीनू का अंकन अतिरिक्त कक्ष की बाहरी दीवार पर किया गया जिससे ग्रामवासी उसे भलीभांति देख एवं पढ़ सकें
पूर्व में  रसोईघर में भोजन निर्माण हेतु  बर्तन उपलब्ध नहीं थे। बाद में प्रधानाध्यापक अन्य अध्यापकों ने आपसी सहयो से आवश्यक बर्तनों की व्यवस्था की
इसके अतिरिक्त भोजन निर्माण हेतु गैस चूल्हे के स्थान पर लकड़ी उपलों से जलने वाले चूल्हे का प्रयोग किया जाता था,  बंद रसोई घर में धुंए के कारण घुटन होती थी जिस कारण भोजन रसोईघर के बाहर विद्यालय प्रांगण में बनाया जाता था जिससे पक्षियों द्वारा भोजन को दूषित किये जाने तथा तेज हवायें  चलने पर आग लगने की भी संभावना रहती थी।  भोजन निर्माण की परिवर्तन लागत भी अधिक आती थी
प्रधानाध्यापक जी ने अन्य शिक्षकों के सहयोग से भोजन निर्माण हेतु एक गैस सिलेंडर एक अच्छी गुणवत्ता वाले जोखिम रहित गैस चूल्हे की व्यवस्था की। विद्यालय में बर्तन गैस कनेक्शन होने की सूचना जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदय को दे दी गयी है
वर्तमान में विद्यालय में मध्यान्ह भोजन सुरक्षित तरीके से रसोई घर के अन्दर अध्यापकों की देख-रेख में बनवाया जाता हैं। 
भोजन निर्माण में शासन के मानकों के अनुसार प्रथम स्तरीय गुणवत्तायुक्त सामग्री का प्रयोग किया जाता है
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